Data Devi Foundation
गो आराम, तभी विश्राम
जय गो माता
|| ॐ करणी ||
जय गुरुदाता
भारत के प्रत्येक क्षेत्र में गो चिकित्सालय बनाने हेतु संकल्पित संस्थान
दाता देवी फाउंडेशन मुख्य उद्देश्य
3. जनजाति कल्याण हेतु गो आधारित विकास रचना के कार्यों को शासन के सहयोग से सम्पन्न करवाना
दातादेवी फाउंडेशन के अन्य सहायक उद्देश्यः-
2. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष अभाव ग्रस्त क्षेत्र में विशेष आवश्यकता होने पर दाना देवी फाउंडेशन के अनुमोदन पर गो आहार ( घास)गोदाम का और चारा परोसने के लिये खेल,गामान ( नाँद)निर्माण करवाना
3. शासन, समाज, धर्मात्मा श्रेष्ठीजन, और समर्थ संस्थाओं के सहयोग से विशेष आवश्यकता होने पर धेनु दर्शन फाउंडेशन के अनुमोदन पर गो संवर्धन केंद्र का निर्माण करवाना
5. दवा देवी फाउंडेशन के अनुमोदन पर गौ एंबुलेस उपलब्ध करवाने के लिए श्रीमंत संस्थाओं को प्रेरित करना।
6. ग्वाल शक्ति सेना (G.S.S) के माध्यम से गो चिकित्सालय के लिए शासन और समाज द्वारा भूमि आवंटन अथवा भूमि दान में आ रही समस्याओं का निराकरण करवाना।
7. दृष्टि देवी फाउंडेशन और समाज के सहयोग से गो-सेवा हित जन जागरण हेतु धार्मिक, चिकित्सीय साहित्य प्रकाशन और वितरण में सहयोग करना और गो चिकित्सालय की निगरानी के लिए कैमरे लगाने की व्यवस्था करना।
8. धेनु देवी फाउंडेशनके माध्यम से गौ चिकित्सालय में उचित वेतन पर श्रद्धावान चिकित्सक एंव बीमार गौमाता की सेवा के लिए उचित वेतन पर प्रशिक्षित श्रद्धावान ग्वाल की व्यवस्था करवाना गोआधारित शैक्षिक कार्यों के संचालन एंव परंपरागत गो चिकित्सा पद्धति विकसित करने मे सहयोग करना

हमारी प्रमुख सेवाएं
अभावग्रस्त क्षेत्रों में गो चिकित्सालय का निर्माण करवाना
चिकित्सालय में ग्वाल एवं चिकित्सक कक्ष का निर्माण करवाना
गो आधारित विकास रचना के कार्यों को सम्पन्न करवाना
गो आहार गोदाम निर्माण करवाना
दाता देवी फाउंडेशन
गावः प्रतिष्ठा भूतानां गावः स्वस्त्ययनं महत्।
गावो भूतं च भव्यं च गावः पुष्टिः सनातनी।।
गो मनुष्य के जीवन का अवलंब है, गो कल्याण का परम निधान है। पहले के लोगों का ऐश्वर्य गो पर अवलंबित था, आगे की उन्नति भी गो पर अवलंबित है। गो ही हर समय हर स्थान पर पुष्टि का साधन है।
वैदिक सनातन संस्कृति में गो जाति का बहुत बड़ा सम्मान है। प्रतिदिन के धार्मिक व्यवहारिक जीवन में गौ माता की अपेक्षा बनी ही रहती है। शास्त्रों में गौ माता के रोम-रोम में देवताओं का वास है, ऐसा वर्णन आता है।”सर्वे देवा गवा मंगे “ गो के दर्शन व स्पर्श से रोग दोष पाप ताप की प्रशांति हो जाती है। जहाँ प्रसन्नता के साथ गौ माताएं भ्रमण करती हैं, श्वास लेती हैं, मूत्र, पुरीष ( गोबर)उत्सर्जित करती हैं, वहाँ से विविध उपद्रव, दरिद्र दूर हो जाते हैं और सुख शांति तथा लक्ष्मी जी का शुभागमन हो जाता हैं।
अतः समूचित सेवा से भगवती गौमाताजी को प्रसन्न रखना मानव जाति का प्रधान कर्तव्य है। गौ-सेवा का ही एक प्रधान अंग है- “”गौचिकित्सा”” गो माता की चिकित्सा हमारे देश में मानव का उपचार तो सहजता से हो जाता है, वह अपनी पीड़ा अपना कष्ट बोलकर व्यक्त कर सकता है, मानव के लिए शासकीय और निजी स्तर पर भी अनेक चिकित्सालय जगह-जगह निर्मित है, जहाँ सहजता पूर्वक मानव को उच्च स्तरीय चिकित्सा उपलब्ध हो जाती है, लेकिन हमारे देश में गौ माता की चिकित्सा हेतु गो चिकित्सालयों की संख्या बहुत ही कम है।

इस कारण समय पर उचित उपचार नहीं मिलने से गौ माता समय पूर्व अपनी जीवन लीला पूर्ण करके गोलोक धाम पधार जाती हैं। सनातनी होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि हम गौ माता की महिमा को समझ कर गौ माता ने हमें जो सेवा का शुभ अवसर प्रदान किया हैं, उसका पूरा लाभ प्राप्त करें।
आईये… अब हम जाने कि हमें किस प्रकार से गौ माता की गो चिकित्सालय रूपी सेवा का अवसर प्राप्त करना है। हमारे परमपूज्य दाता भगवान स्वामी राम ज्ञान तीर्थ जी महाराज की मुक्ति दायी प्रेरणा श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के संस्थापक परम श्रद्धेय गो ऋषि स्वामी दत्त शरणानंद जी महाराज और अन्य सभी गो सेवी पूज्य संतों के शुभ आशीर्वाद से परम पूज्य गुरुदेव ग्वाल संत गोपालाचार्य स्वामी गोपालानंद सरस्वती जी महाराज के मार्गदर्शन में गो-सेवक श्रद्धेया साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती जी के नेतृत्व में दिनांक 13 दिसंबर 2024 को विश्व के प्रथम और सबसे बड़े गो अभयारण्य कामधेनु गो अभयारण्य, सालरिया में चल रहे एक वर्षीय गो आराधना महामहोत्सव के गोमय मंच से “”दाता देवी फाउंडेशन (गो आराम,तभी विश्राम)”” नाम की संस्था का शुभारंभ हुआ । इस संस्था द्वारा देश विदेश के समस्त अभाव ग्रस्त क्षेत्रो में जहाँ पर गौ माता के लिए चिकित्सालय की उचित व्यवस्था नहीं है, वहाँ पर चिकित्सालय निर्माण कर गोमाता को उचित चिकित्सा प्रदान करना इस निम्मित दाता देवी फाउंडेशन ने कार्य प्रारंभ कर दिया है। कुछ जिलों से प्रारंभ यह कार्य आगे संपूर्ण भारतवर्ष और भारत से बाहर भी जहाँ वेदलक्षणा गो माता के लिए चिकित्सालय की आवश्यकता होगी, निष्काम भाव से चिकित्सालय का निर्माण कर गवार्पण करने का भाव है।
रुग्ण और दुर्घटना ग्रस्त गो माता हेतु आश्रय और चिकित्सालय निर्माण का यह सेवा कार्य मुक्ति का सर्वोत्तम साधन है।
पुराणों में कहा गया है…
(अग्नि पुराण,२११-१८)
दत्वा कृत्वा गोगृहञ्च निष्पापः स्वर्गमाप्नुयात् ।।
→ गोशाला बनाकर दान देने वाला पाप रहित होकर स्वर्ग लोक को प्राप्त करता हैं.
इस सेवा कार्य से आने वाले समय में विश्व में कोई भी गौ माता चिकित्सा के अभाव में कष्ट नहीं पाए और अपनी दु:खमय लीला को पूर्ण करके समय से पूर्व गोलोक नहीं पधारें।
पुराणों के अनुसार रोगी गौमाता की सेवा का बहुत महत्व हैं।
नरसिंह पुराण 33/28-29
2. तुल्यं गोशतदानस्य भयरोगादिपालनै।
-भय और रोग से गोमाता जी को बचाना या प्रयत्न करना सो (100) गोमाताओं के दान के समान हैं।
इसी भावना के अनुसार दाता देवी फाउंडेशन निष्काम भाव से गौ सेवा हेतु गो चिकित्सालय निर्माण का कार्य करेगा।
फाउंडेशन के सदस्य

मनीष जी राठी - (Trustee)
गोशाला बनाकर दान देने वाला पाप रहित होकर स्वर्ग लोक को प्राप्त करता हैं
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